feature lekhan in hindi
Feature Lekhan In Hindi |
is post me aap feature lekhan in hindi or feature lekhan in mass communication ke baare me padhenge, jaisa ki aap jaante hain yah chapter hindi or journalism dono subject ke liye mahatvpurn hai.
Feature का अर्थ
feature शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द Facture' से हुई है। feature को कई अर्थों में देखा जा सकता है। कुछ विद्वानों द्वारा feature को हिन्दी में रूपक नाम दिया गया है। हालाँकि ज्यादातर इसे feature के नाम से ही जाना जाता है।
पत्रकारिता में फीचर या रूपक से तात्पर्य समाचार-पत्रों या पत्रिकाओं में प्रकाशित वे विशिष्ट लेख हैं, जो गम्भीर या आसान किसी भी प्रकृति के होते हैं, उनका मूल उद्देश्य पाठकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ हल्के-फुल्के तरीके से उनका ज्ञानवर्द्धन करना भी होता है।
यह लेखन सम्पादकीय, समाचार अथवा अन्य विधाओं से भिन्न होता है। इसका अंकन काल्पनिकता को अपनाते हुए भावों की अभिव्यक्ति के साथ किया
जाता है।
मिस्टर ब्रेन निकोलस ने feature को समाचार-पत्र की आत्मा के रूप में वर्णित किया है, जिसमें तथ्यों के साथ-साथ साहित्य की अन्य विधाओं; जैसे-कहानी, रेखाचित्र, व्यंग्य आदि की सहायता से किसी भी समाचार को सचित्र व मनोरम ढंग से लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
Feature की परिभाषा
विभिन्न विद्वानों द्वारा feature को अलग- अलग दृष्टिकोणों से परिभाषित किया गया है
पीडी टण्डन के अनुसार, "रूपक गद्य में लिखी हुई एक तरह की गीतिका है।"
जेम्स लेविस के अनुसार, "feature lekhan समाचारों को नया आयाम देता है, उसका परीक्षण करता है, विश्लेषण करता है और उस पर नया प्रकाश डालता है। feature का सर्वश्रेष्ठ प्रकार वह है, जो सामयिक हो तथा समाचारों से जुड़ा हुआ हो।
श्री डीएस मेहता के अनुसार, "समाचार तथ्यों का विवरण तथा विचार देकर सन्तुप्ट हो जाता है, जवकि रूपक में घटना के परिवेश, विविध प्रतिक्रियाएँ एवं इसके दूरगामी परिणाम का संकेत प्राप्त होता है। रूपक लेखक घटना के सम्बन्ध में अपनी प्रतिक्रिया पाठकों को बतलाता है तथा उनकी कल्पनाशक्ति
को प्रभावित करता है।"
स्टेनले वॉकर के अनुसार, "समाचार-पत्रों के लेखन की सफलता यथार्थ को प्रस्तुत करने में है। उसका परिणाम सन्तुप्टीकरण, चौकाने वाला तथा सौन्दर्यबोघक होना चाहिए।"
डॉ. विवेकी राय के अनुसार, "feature lekhan समाचारात्मक निवन्ध रूपक है और वह विभिन्न क्षेत्रों की नवीनतम हलचलों का शब्द चित्र होता है।"
डॉ. कृष्ण चन्द्र शर्मा के अनुसार, "feature किसी विचार, मान्यता, घटना, व्यक्ति आदि का ऐसा त्रिविध शाब्दिक चित्रण है, जिसे स्थायी रूप दे दिया गया हो।"
उपरोक्त परिभापाओं के आधार पर हमें feature की निम्नलिखित विशेषताएँ ज्ञात होती हैं
समसामयिक घटनाओं तथा विविध क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तनो के सचित्र और आकर्षक विवरण को feature कहा जाता है।
रोचक विषयों का आकर्षक एवं व्यापक प्रस्तुतीकरण ही फीचर है। इसमें बहुसंख्यक पाठकों की रुचि वाले विषय की चर्चा होती है।
feature lekhan के प्रमुख उद्देश्य
मार्गदर्शन
मनोरंजन
ज्ञानवद्द्धन
feature lekhan की प्रक्रिया
आधुनिक समाचार-पत्रों में feature lekhan को विशेष महत्त्व दिया जाता है, क्योंकि यही एक ऐसा माध्यम रोचक तरीके से पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।
इस विधा के लिए सामग्री की कहीं कोई कमी नहीं है। उसके लिए गहन निरीक्षण मानवीय दृष्टिकोण, घटनाओं के पीछे देखने की क्षमता, मार्मिक प्रसंगों की पहचान और उनको रचने की कला की आवश्यकता है। जिसके द्वारा किसी भी विषय, घटना अथवा समस्या को feature lekhan में उपरोक्त सभी गुणों के साथ-साथ विषय क्षेत्र की पर्याप्त जानकारी, तथ्यों के चयन की कला, उनके विश्लेषण तथा अपने अनुभवों, दृष्टिकोण तथा पाठकीय संवेदना को ध्यान में रखकर घटनाओं, स्थितियों, तथ्यों को बुनने की कला भी आनी चाहिए।
feature lekhan का मुख्य आधार भावनात्मक होता है, भावनात्मक स्पर्श फीचर की अनिवार्यता है।
विषय चयन
feature का विषय, समय के अनुकूल होना चाहिए, जनसामान्य की रुचि जागृत करने वाला होना चाहिए, पाठकों में जिज्ञासा पैदा करने वाला तथा जानकारी उपलब्ध कराने वाला होना चाहिए। विषय की अनुकूलता तथा लाभ क्या हैं, पाठक किस वर्ग तथा किस रुचि के हैं, जिस विषय और पृष्ठभूमि पर कार्य करना है, उसकी सामग्री उपलब्धता की स्थिति क्या है? इन सभी पक्षों पर लेखक को धैयपूर्वक विचार करना चाहिए, तभी विषय को सही स्वरूप में ढाला जा सकता है।
सामग्री संकलन
रचना प्रक्रिया का दूसरा प्रमुख बिन्दु है सामम्री संकलन। इसके लिए लेखक को विषय वस्तु के निकट जाना होगा। सामग्री संकलन के लिए लेखक को घटनाओं की सत्यता जानने, घटनाओं पर प्रतिक्रिया जानने, घटनाओं की तह तक जाने के लिए घटना स्थल, रीति-रिवाज, संस्कृति, परम्परा, रहन-सहन आदि का अध्ययन करना होगा।
ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विषयों से लेखन सम्बन्धित पृप्ष्ठभूमि लेते समय उस विषय के अध्ययन की अधिक आवश्यकता है। लेखक की तर्कशक्ति जितना अच्छी होगी, सूक्ष्म होगी, उसका दृष्टिकोण उतना ही अधिक रचनात्मक होगा।
feature lekhan के चरण
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feature की प्रस्तावना
फीचर की प्रस्तावना का स्वरूप लेखन की शैली पर निर्भर करता हैं। लेखक यदि चाहे तो feature lekhan को एक कहानी के रूप में प्रस्तुत कर सकता है अथवा उसे एक संस्मरण, वृतान्त या आत्मकथा के रूप में भी प्रस्तुत कर सकता है; जैसे- देश के प्रथम राष्ट्रपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जन्मस्थली, बिहार का एक छोटा-सा गाँव । फिर भी, feature की प्रस्तावना को लिखते समय कुछ प्रमुख बातों को ध्यान में रखा जाना जरूरी है।
1.किसी आकर्षक उद्धरण, काव्य पंक्तियों, प्रश्न शृंखला, दृष्टान्त आदि से feature lekhan का आरम्भ किया जाए तो अच्छा है।
2. आरम्भ में कोई ऐसा वाक्य दिया जा सकता है, जो असाधारण लगे।
3.किसी व्यक्ति के रेखाचित्र, परिचय, उम्र, स्थान तथा उसकी बातचीत से feature का आरम्भ किया जा सकता है।
4. प्राकृतिक दृश्य, विशेष घटनांश, कहानी आदि से भी फीचर प्रारम्भ कर सकते हैं।
5. पाठकों को सम्बोधित करने वाले शब्दों से भी feature lekhan आरम्भ किया जा सकता है।
6. महत्त्वपूर्ण यह है कि प्रारम्भ अपने आप में पूर्ण सन्तुलित, मूल विषय से हुआ, feature के किसी मार्मिक पक्ष का प्रतिपादक होना चाहिए।
7. feature lekhan में स्पष्ट संज्ञा का प्रयोग करें। इससे व्यक्ति या जीव की साफ तस्वीर उभरती है। मुहावरों, लोकोक्तियो, उपमाओं का खुलकर प्रयोग किया जा सकता है।
मध्य/कलेवर
प्रस्तावना के पश्चात् हमें फीचर के मध्य भाग की ओर जाना होता है, अर्थात् मूल विषय का उद्घाटन करना होता है। feature lekhak वैसे तो रूपरेखा के अनुसार ही अपनी कहानी को आगे बढ़ाता है, परन्तु विषय की माँग के अनुसार जिस पक्ष पर अधिक बल देने की आवश्यकता हो, उसे अधिक विस्तार, कलात्मकता के साथ प्रस्तुत करना ही श्रेयस्कर है।
कलेवर नवीन तथ्यो से परिपूर्ण होने के साथ-साथ तार्किक एवं हृदय को स्पर्श करने वाला होना चाहिए।
घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों, क्रियाओं को लेकर इस तरह आगे बढ़ना चाहिए कि पाठक अपने आप साथ-साथ चल सके। उसे कही रुकावट महसूस न हो अर्थात् क्रमबद्धता कहीं अवरुद्ध न हो।
जिस प्रकार आरम्भ में मजबूती की तथा पाठकों को बाँधने की आवश्यकता होती है उसी प्रकार जिज्ञासा बढ़ाते चलना, अपना दृष्टिकोण पाठक के समक्ष रखना तथा औरों के दृष्टिकोण से अवगत कराना भी लेखक का काम होता है। लेखक इन सब स्थितियों के साथ पाठक को सम्मिलित कर लेता है। लेखक अपनी इच्छा से, अपने दृष्टिकोण से, विषय की मॉग के अनुरूप तटस्थ भी रह सकता है।
उपसहार
कोई भी feature अन्तिम भाग एक तरह से सारांश होता है। यह आवश्यक नहीं कि लेखक निष्कर्ष पर जाए। वह नए विचार सूत्र दे सकता है, सुझाव दे सकता है। कोई प्रश्न छोड़ सकता है, जो पाठक को सोचने के लिए विवश करे। सबसे प्रभावशाली तरीका है कि फीचर के विषय को समसामयिकता से जोड़कर अपनी बात समाप्त करना।
अन्तिम पैराग्राफ यद्यपि विश्राम का पड़ाव है फिर भी शब्दों को विराम देने से पूर्व अपने परिश्रम का निचोड़ लेखक किस तरह सामने रखता है? यह महत्त्वपूर्ण है।
उपसंहार ऐसा होना चाहिए कि वह पाठक के मन में 'कुछ और की जिज्ञासा जागृत कर सके और उसके मन-मस्तिष्क को कुछ सोचने के लिए सूत्र छोड़ दे।
feature lekhan संरचना
शीर्षक
यह किसी भी रचना का एक जरूरी हिस्सा होता है और यह उसकी मूल संवेदना या उसके मूल विषय का बोध कराता है। feature का शीर्षक मनोरंजक और कलात्मक होना चाहिए, जिससे वह पाठको में रोचकता उत्पन्न कर सके।
छायाचित्र
छायाचित्र होने से feature की प्रस्तुति कलात्मक हो जाती है, जिसका पाठकों पर अनुकूल प्रभाब पड़ता है। विषय से सम्बन्धित छायाचित्र देने से विषय और भी मुखर हो उठता है।
feature एजेन्सी
समाचार एजेन्सियों की तरह ही फीचर एजेन्सी भी हमारे यहाँ महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। जो पत्र-पत्रिकाएँ एजेन्सी की सेवाएँ चाहती हैं, उन्हें समय-समय पर सामग्री उपलब्ध करवाना इन एजेन्सियों का प्रमुख कार्य होता है। पहले ये एजेन्सी डाक के माध्यम से feature भेजती थीं पर अब ये एजेन्सियाँ फैक्स, इण्टरनेट आदि के माध्यम से फीचर भेज देती हैं।
इस समय हिन्दी के क्षेत्र में बहुत-सी feature agencies है, जो फीचर के साथ-साथ लेख फोटो आदि सामग्री भी पत्र-पत्रिकाओं को उपलब्ध करवाती हैं। ये एजेन्सियाँ देश के बड़े और महत्त्वपूर्ण लेखकों के अलावा स्थानीय उभरते लेखकों से भी feature आमन्त्रित करती हैं।
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