Advertisement Meaning, Definition and Objects विज्ञापन की परिभाषा, विज्ञापन के उद्देश्य, अर्थ

Advertising meaning, definition and objects mass communication notes in hindi


Advertising meaning, definition and objects mass communication notes in hindi
            Advertising meaning, definition and objects notes in hindi


विज्ञापन का अर्थ Meaning of Advertisement 

 विज्ञापन की परिभाषा, विज्ञापन के उद्देश्य, अर्थ    

अध्ययन की विधा के रूप में विज्ञापन अपेक्षाकृत नई विधा है। यही कारण है कि इसको सर्वमान्य परिभाषा अभी तक सुलभ नहीं है। वर्ष 1982 में अमेरिकी पत्रिका 'एडवर्टाइजिंग एज' ने विज्ञापन की सर्वोत्तम
परिभाषा की प्रतियोगिता आयोजित की थी। उसमें आई अलग-अलग परिभाषाओं को मिलाकर उसके एक निर्णायक ने यह परिभाषा तैयार की थी, “किसी व्यक्ति, वस्तु, सेवा या आन्दोलन को प्रस्तुत करने वाली मुद्रित सामग्री, लिखित शब्द, बोले गए शब्द या चित्रांकन विज्ञापन है जिसे / अपने खर्चे पर, बिक्री, प्रयोग, वोट या अन्य प्रकार की सहमति प्राप्ति के लिए खुलेआम प्रस्तुत करें।”
यदि विज्ञापन शब्द के अर्थ पर विचार करें तो यह अंग्रेजी शब्द Advertising का हिन्दी रूपान्तरण है। Advertising शब्द की
उत्पत्ति लैटिन भाषा के Advertor से हुई है जिसका अर्थ 'टू टर्न टू' या किसी ओर मुड़ना अर्थात्‌ किसी के प्रति लोगों को मोड़ना या आकर्षित करना। हिन्दी में विज्ञापन शब्द का अर्थ विशेष ज्ञान या विशेष सूचना देने से जुड़ा है।


विज्ञापन की परिभाषाएँ Definition Of Advertisement

विज्ञापन के सम्बन्ध में काफी परिभाषाएँ दी गई हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण पारिभाषाएँ इस प्रकार हैं-

विलियम एम वेलबेकर के अनुसार, “विज्ञापन सूचनाएँ प्रचारित करने का वह साधन है, जो कि किसी व्यापारिक केन्द्र अथवा संस्था द्वारा भुगतान प्राप्त तथा हस्ताक्षरित होता है और इस सम्भावना को विकसित करने की इच्छा रखता है कि जिनके पास यह सूचना पहुंचेगी वे विज्ञापनदाता की इच्छानुसार सोचेंगे अथवा व्यवहार करेंगे।”

वीएस राठौर के अनुसार, “विज्ञापन सूचनाओं को सार्वजनिक भुगतान प्राप्त साधनों द्वारा प्रचारित करता है जिसका उद्गम स्पष्टत: सौजन्य प्राप्त संगठन के रूप में पहचाना जाता है”

शेल्डन के अनुसार, '' विज्ञापन वह व्यावसायिक शक्ति है जिसके अन्तर्गत मुद्रित शब्दों द्वारा विक्रय वृद्धि में सहायता मिलती है, ख्याति का निर्माण होता है एवं साख बढ़ती है।”'

जॉन एस राइट के अनुसार, “विज्ञापन जन सम्प्रेषण माध्यम द्वारा नियन्त्रित, पहचान योग्य सूचना प्रदान करने तथा मनाने का कार्य करता है।”'

फ्रेंक प्रेस्बी के अनुसार, “मुद्रित, लिखित, मौखिक अथवा चित्रित विक्रय कला को विज्ञापन कहते हैं। विज्ञापन का उद्देश्य विज्ञापनदाता को वस्तुओं का विक्रय करना एवं सार्वजनिक विचारधारा को व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से विज्ञापनदाता के हित में प्रभावित करना होता है।”

आइवर ब्राउन के अनुसार “उपभोक्ता की किसी सौजन्य द्वारा चयनित भुगतान प्राप्त माध्यम को प्रचारित करके इस इरादे के साथ प्रभावित किया जाता है कि प्राप्तकर्ता अपने इच्छित तरीके से प्रतिक्रिया करें।''

नील एच बोर्डन तथा मार्टिन वी मार्शल के अनुसार, “विज्ञापन उन क्रिया कलापों को समाहित किए हुए है जिसके द्वारा दृष्टिगत अथवा मौखिक सूचनाओं के आधार पर जनता को उददेश्यपूर्ण अथवा सूचित करने तथा प्रभावित करने की दृष्टि से चयन किया जाता है जिससे वे उत्पादित वस्तु खरीदें या कार्य करें अथवा विचारों, व्यक्तियों, व्यापार चिह्लों तथा संस्थाओं के प्रति सहमति रखें”

इस परिभाषा में विज्ञापन के क्षेत्र में उन सब गतिविधियों का समावेश सम्भव है जिनमें,

1. ब्रिकी-व्यवस्था के क्षेत्र में की गई गन्वेषणा, विज्ञापन और वस्तु का डिजाइन

2. दूर-दृष्टियुक्त विज्ञापन उद्देश्य, उसकी लागत, प्रसार माध्यम तथा उपयुक्त सन्देश

3. इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए योजना के अनुसार उठाए गए अल्पकालीन कदम

4. विज्ञापन का वास्तविक प्रस्तुतीकरण- सामग्री लेखन, ले-आउट, कलापक्ष तथा प्रस्तुतीकरण।

5. विज्ञापन प्रभाव से सम्बन्धित अधिक अनुसन्धान आदि सभी कुछ सम्मलित है।


विज्ञापन के उद्देश्य Objects of Advertisement

विज्ञापन का मूल उद्देश्य वस्तु, विचार अथवा सेवाओं का विस्तार एवं बिक्री है, किन्तु साथ-ही-साथ सम्बन्धित संस्था की छवि का निर्माण करना, उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाना तथा उसकी जनसाधारण में विश्वसनीयता कायम करना भी विज्ञापन का उद्देश्य ह

1. किसी नवीन उत्पाद अथवा विचार को प्रोत्साहित करना।

2. वस्तु, विचार अथवा सेवा की बिक्रो हेतु जनसाधारण को प्रभावित करना, ताकि अधिकतम उपभोक्ता कम-से-कम पहली बार उसकी तरफ आकर्षित हो सकें।

3. उत्पाद की बाजार में पूर्व निर्मित छवि को निरन्तर बनाए रखना।

4. बाजार में पूरी तरह से स्थापित उत्पाद को नए उत्पादों की प्रतिस्पर्धा में बनाए रखना।

 5. खुदरा बाजार में उत्पाद को विश्वसनीयता कायम करना।

6. उत्पाद के प्रति दीर्घ अवधि विश्वास पैदा करना एवं उसे बनाए रखना।

विज्ञापन के उद्देश्य बताते हुए डॉ. वर्जन ने कहा है कि, “विज्ञापन के अन्तर्गत वे सभी क्रियाएँ आ जाती हैं जिनके अनुसार मौलिक सन्देश, जनता को सूचना देने के उद्देश्य से तथा उन्हें वस्तु खरीदने, उन्हें प्रभावित करने अथवा पूर्व निश्चित विचारों, संस्थाओं अथवा व्यक्तियों के प्रति झुक जाने के उद्देश्य से सम्बोधित किए जाते हैं।” इस प्रकार विज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करना होता है, ताकि वे विज्ञापित संदेश को ग्रहण कर सकें तथा विज्ञापित वस्तु को खरीदने के लिए प्रेरित हो।


विज्ञापन के उद्देश्यों की विवेचना हम निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत कर सकते हैं-
1. उत्पाद या सेवा से परिचय कराना
2. आमजन का ध्यान आकर्षित करना
3. क्रय इच्छा जाग्रत करना
4. रुचि को प्रभावित करना
5. विपणन में सहायता करना
6. छवि-निर्माण करना
7. विश्वसनीयता बनाना
8. सामाजिक चेतना जागृत करना
9. स्मृति बढ़ाना (एड-रिकाल)
10. विचार परिवर्तन करना
11. जनमत का निर्धारण करना
12. माध्यमों का विकास करना
13. ब्राण्ड की विशिष्टता को बढ़ावा देना
14. विक्रेताओं को सहयोग देना
15. फुटकर व्यापार को बढ़ाना

Advertisement Meaning, Definition and Objects 


मीडिया फैक्ट्स

विश्व फलक पर रेडियो प्रसारण की शुरूआत 19वीं शताब्दी में हुई।

20 दिसम्बर, 1906 की शाम कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेडेन ने जब अपना वायलिन बजाया और अटलाण्टिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो पर सुना, वह दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरूआत थी।

मारकोनी ने वर्ष 1900 में इंग्लैण्ड से अमेरिका बेतार सन्देश भेजकर व्यक्तिगत रेडियो सन्देश भेजने की शुरूआत कर दी थी। परन्तु एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ सन्देश भेजने या ब्रॉडकास्टिंग की शुरूआत वर्ष 1906 में फेसेण्डन के साथ हुई।

वर्ष 1918 में ली डी फॉरेस्ट ने न्यूयॉर्क के हाईब्रिज इलाके में दुनिया का पहला रेडियो स्टेशन शुरू किया।

रेडियो में विज्ञापन की शुरुआत वर्ष 1923 में हुई।

भारत में वर्ष 1927 को इण्डियन ब्रॉडकास्टिंग कम्पनी की स्थापना करके प्रथम रेडियो प्रसारण सेवा बम्बई से शुरू हुआ।

वर्ष 1930 में भारत सरकार ने प्रसारण सेवा के प्रबन्ध का अधिग्रहण कर इसे 'इण्डियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस' नाम दिया।

इण्डियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस के प्रथम महानिदेशक लियोनेल फिल्डेन थे।

8 जून, 1936 से ISBOS को इम्पीरियल रेडियो ऑफ इण्डिया के नाम से जाना जाने लगा, जिसे स्वतन्त्रता के पश्चात्‌ 'ऑल इण्डिया रेडियो' नाम दिया गया।

27 अगस्त, 1942 को नेशनल कांग्रेस रेडियो का प्रसारण शुरू हुआ।

वर्ष 1957 में आकाशवाणी की विविध भारती सेवा की शुरूआत हुई।

वर्ष 1967 से विविध भारती ने अपनी व्यापारिक सेवाएँ शुरू की।

इतिहासकार आधुनिक मुद्रणकला का श्रेय पश्चिमी जर्मनी के गटेनबर्ग को देते हैं।

गुटेनबर्ग ने 42 पंक्तियों में विश्व की पहली मुद्रित पुस्तक बाइबिल का प्रकाशन किया।

विजय कुलश्रेष्ठ तथा प्रतल अथईया के अनुसार 1870 ई. में अमेरिका में पहला विज्ञापन प्रकाशित हुआ था।

1841 ई. में अमेरिका में पहली विज्ञापन एजेन्सी वॉलेनी पाल्मर में (Voleny Palmer) स्थापित हुई।

अमेरिका का पहला विज्ञापन 8 मई, 1704 में बोस्टन न्यूज लेटर में प्रकाशित हुआ।

सर्वप्रथम अंग्रेजी भाषा में छपा हुआ विज्ञापन 1473 ई. में विलियम कैक्स्टन द्वारा निमित हुआ।

सबसे पहला अंग्रेजी का समाचार-पत्र द वीकली न्यूज 1622 ई. में निकोलस बोरनें तथा थॉमस आर्कर द्वारा प्रकाशित किया गया।

क्रेंक प्रेस्वी के अनुसार वर्ष 1925 में पुस्तक मक्यूरियम ब्रिटानिक्स में विज्ञापित घोषणा के रूप में प्रथम विज्ञापन सामने आया।

हनरी सैम्पसन के अनुसार 1650 ई. में सेवरनन प्रोसीडिग्स इन पारलियामेण्ट में प्रकाशित वह सर्वप्रथम विज्ञापन है जिसमें चोरी किए गए 12 घोड़ों को लौटाने पर पुरस्कार देने की खबर प्रकाशित हुई थी।

 

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