History Of Indian Cinema भारतीय सिनेमा का इतिहास
History Of Indian Cinema |
patarkarita avm jan sanchar notes in hindi
भारतीय सिनेमा के इतिहास का संक्षिप्त विवरण
1913
दादा साहेब फाल्के ने पहली फीचर फिल्म “राजा हरिश्चन्द्र' तैयार की। तीन हजार सात सौ फुट (चार रील) लम्बी यह फिल्म मुम्बई के कोरोनेशन थियेटर में 3 मई से आम लोगों
के लिए प्रदर्शित की गई।
1925
बाबूराव पेण्टर ने 'सावकारी पाश' फिल्म बनाई। एक भारतीय किसान को साहूकारों
द्वारा शोषित किए जाने की व्यथा को लेकर बनी यह यथार्थवादी फिल्म थी। वी.
शान्ताराम ने इस फिल्म में युवा किसान की भूमिका निभाई थी।
1930
बी एन सरकार ने कोलकाता में न्यू थियेटर की नींव रखी।
1931
आर्देशिर एम ईरानी द्वारा निर्मित देश की पहली बोलती फिल्म “आलमओआरा' प्रदर्शित
हुई। बारह गानों वाली यह फिल्म 14 मार्च को मेजेस्टिक थियेटर मुम्बई में प्रदर्शित की गई।
1932
द मोशन पिक्चर सोसायइटी ऑफ इण्डिया' का गठन। वी. शान्ताराम के निर्देशन में हिन्दी और मराठी के “अयोध्या के राजा” का निर्माण।
1933
देश की पहली अंग्रेजी फिल्म “कर्मा' की शूटिंग इंग्लैण्ड में हुई। हिमांशु राय इसके निर्माता और नायिका देविका रानी थी।
1935
मुम्बई में पहली बार ऑल इण्डिया मोशन पिक्चर कन्वेशन का आयोजन। हिमांशु राय और देविका रानी ने बॉम्बे टॉकीज' की नींव रखी।
1941
निर्माता निर्देशक के ए अब्बास की कहानी पर हिन्दी में “नया संसार' फिल्म बनी। 'द कोर्ट डांसर' (निर्देशन वाडिया) भारत की पहली बोलती अंग्रेजी फिल्म। केदार शर्मा ने भगवती चरण वर्मा के उपन्यास पर 'चित्रलेखा' बनाई। यह फिल्म काफी चर्चित हुई।
1944
भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के का निधन।
1947
भारत की आजादी पर “इम्पा' द्वारा “आजादी के उत्सव' का निर्माण मास्टर विनायक और सुप्रसिद्ध गायक के एल सहगल का निधन।
1948
सरकार ने फिल्म डिवीजन के तहत वरत्त चित्रों और न्यूजरीलों का निर्माण प्रारम्भ किया। नर्तक और कलाकार उदय शंकर ने नृत्य को आधार बनाकर कल्पना बनाई। यह भारतीय सिनेमा में अपनी तरह की एकमात्र फिल्म थी।
1949
सरकार की कर नीति के विरोध में 30 जून को देशभर में सिनेमाधर बन्द रहे। एस पाटिल की अध्यक्षता में फिल्म जाँच समिति का गठन किया गया।
1951
सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर' का गठन। 'फिल्म फेडरेशन ऑफ इण्डिया' का निर्माण, चन्दू लाल जे शाह इसके अध्यक्ष बने।
1952
'सिनेमेटोग्राफ एक्ट' 1952 लागू (1918 के एक्ट की जगह)। भारत में पहली बार
अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह का भारत के चार महानगरों (मुम्बई, मद्रास, दिल्ली एवं
कोलकाता) में आयोजन।
1954
फिल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों की शुरूआत। मराठी फिल्म श्यामची आई को राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक।
1955
पृथ्वीराज कपूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधि मण्डल की चीन यात्रा।
1956
राजकपूर की “जागते रहो" को कार्लोवी वेरी इण्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ग्रा. प्री. पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
1958
नरगिस दत्त ने 'मदर इण्डिया' के लिए कार्लोवी वेरी फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्राप्त किया।
1960
एक करोड़ रुपये की धन राशि से 'फिल्म वित्त निगम' का गठन।
पूना में 'फिल्म एण्ड टेलीविजन इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डिया” की स्थापना।
के. आसिफ की 'मुगले-आजम' मराठा मन्दिर मुम्बई में प्रदर्शित। यह कई सालों में तैयार हुई भारी लागत वाली फिल्म थी।
1962
सत्यजीत रे ने पहली रंगीत फिल्म 'कंचन जंगा' बनाई।
1963
इंडिया मोशन पिक्चर निर्यात निगम का गठन तथा इम्पा रजत जयन्ती।
1964
सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय की एक अलग मीडिया इकाई के रूप में पुणे में 'नेशनल फील। आर्काइव ऑफ इण्डिया' की स्थापना।
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