Models Of Communication (संचार के मॉडल) Notes In Hindi
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विभिन्न विशेषज्ञ ने अनेक क्षेत्रों से models द्वारा संचार को समझाने की कोशिश की है। कुछ model सरल है, कुछ बहुत कठिन है, उनकी शब्दावली में भी भिनता है लेकिन एक प्रक्रिया के रूप में मूल तत्व वही है।
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कुछ महत्वपूर्ण संचार मॉडल :-
अरस्तू एवं लासवेल का model -
अरस्तु एवं लासवेल के प्रारूप में यह भिन्नता है कि इसमें अरस्तू के प्रारूप के अवसर का उल्लेख है परंतु संचार माध्यमों का नही।ग्रीक दार्शनिक अरस्तू ने संचार में मुख्य रूप से 5 चरणों को समाहित किया था।
वक्ता > संदेश > श्रोता > अवसर > प्रभाव
Model Of Communication |
आधुनिक संचार विशेषज्ञ हेराल्ड डी लासवेल ने भी मुख्य रूप से पांच चरण शामिल किए जिन्हें 5 'क' से जाना जाता है।
1. कौन (Who)
प्रेषक (श्रोता) Sender Source
2. क्या कहा (What Says)
संदेश (संदर्भ) Message
3.किस माध्यम से (Which Channel)
संचार माध्यम (communication channel)
4.किसके लिए (Whom)
श्रोता (Receiver)
5.क्या प्रभाव (What Effect)
प्रभाव (effect)
Model of Communication Chapter
फ्रेंक ई. एक्स का model -
फ्रेंक ई. एक्स ने संचार प्रकिया को लट्टू के समान बताया है।संचार भूतकाल से प्रभावित होता है व इसमें प्रत्येक चरण में नवीनीकरण होता है। अतः यह प्रारूप घटना एवं व्यक्ति पर आधारित है, जिसके अनुसार संचार का कोई निश्चित प्रारम्भ अथवा अंत नहीं होता। इस model के अनुसार संचार का दायरा अनिश्चित होता है। इस लिए फ्रेंक ई. एक्स ने इसे नृत्य प्रारूप कहा है।शैनन वीवर model -
शैनन वीवर model के अनुसार, प्रेषक के पास ज्ञान का स्रोत होता है, जिसको वह संकेत व शब्दों के माध्यम से प्रेषित करता है। इन संकेतों को प्राप्तकर्ता ग्रहण करके गन्तव्य तक पहुंचता है।यह model इस प्रकार है -
Model Of Communication |
लीगन्स का model -
लीगन्स के model के अनुसार संचारक किसी संदेश को जब श्रोता के पास पहुंचाता है, तो वह एक उचित माध्यम द्वारा प्रतिपादित करके भेजा जाता है। लीगन्स ने संचार प्रणाली में श्रोता की प्रतिक्रिया को भी सम्मिलित किया है। श्रोताओं की प्रतिक्रिया जानने से संचारक अपने द्वारा प्रेषित सन्देश का मूल्यांकन करते हैं और उसके अनुकूल चेष्टाएँ करता है। संचार प्रणाली में इसे प्रतिपुष्टि कहते हैं।Model Of Communication |
प्रतिपुष्टि के माध्यम से संचार की सफलता का मूल्यांकन किया जाता है। संचार तब सफल माना जाता है, जब ग्रहणकर्ता उस संचार को समझ जाता है और प्रभावित होता है। श्रोता की प्रतिक्रिया अच्छी या बुरी हो सकती है।
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