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Journalism and press development in india (Patrkarita ka vikas) Chapter 4

Journalism Notes In Hindi (पत्रकारिता )

Journalism and press development in india Patrkarita ka vikas, Chapter 4

Journalism and press development in india gk in hindi
Patrkarita ka vikas

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पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। इसके माध्यमों ने समाज को नई दिशा देने का काम किया है। आज पत्रकारिता हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुकी है।

Meaning Of Journalism (पत्रकारिता का अर्थ)

पत्रकारिता को अंग्रेजी में जर्नलिज्म (Journalism) कहा जाता है। जर्नलिज्म शब्द फ्रेंच शब्द जर्नी से व्युत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है - एक-एक दिवस का कार्य या उसकी विवरणिका प्रस्तुत करना। पत्रकारिता दैनिक जीवन की घटनाओं और उसके आधार पर प्रकाशित पत्रों की संवाहिका होती है, इसमें घटनाओं, तथ्यों, व्यवस्थापरकता के साथ साथ राजनीतिक, आर्थिक, और कलात्मक संदर्भों की प्रस्तुति होती है।

Defination Of Journalism (पत्रकारिता की परिभाषा)

इंदिरा गांधी के अनुसार, "पत्रकारिता एक उद्योग से कहीं ज्यादा जन-सेवा है। इसका परम लक्ष्य खबरों को एकत्र करना, उन्हें छापना और प्रसारित करना है। यह काम उसे पूरा, सही सही और जहां तक सम्भव हो निस्वार्थ भाव के साथ करना चाहिए। उसका लक्ष्य होना चाहिए वह लोगों को अधिक से अधिक जानकारी देकर उन्हें अधिक अच्छे तरीके से जाँच और निर्णय लेने में सहायता प्रदान करे।"

डॉ. बद्रीनाथ कपूर के अनुसार, "पत्र-पत्रिकाओं के लिए समाचार, लेख आदि एकत्रित तथा सम्पादित करने, प्रकाशन, आदेश आदि देने का कार्य पत्रकारिता है।"

श्री रामकृष्ण रघुनाथ खाडिलकर के अनुसार, "ज्ञान और विचार शब्दों तथा चित्रों के रूप में दूसरों तक पहुंचाना ही पत्रकारिता है।"

हिंदी शब्द सागर के अनुसार, "पत्रकार का काम या व्यवसाय पत्रकारिता है।"

सीजी मूलर के अनुसार, "ज्ञान का व्यवसाय पत्रकारिता है। इस व्यवसाय में आवश्यक तथ्यों की प्राप्ति, सावधानीपूर्वक उनका मूल्यांकन तथा उचित प्रस्तुतिकरण होता है।"

न्यू वेब्स्टर के अनुसार, "प्रकाशन, सम्पादन, लेखन अथवा प्रसारण सहित समाचार माध्यम के संचालन का व्यवसाय पत्रकारिता है।"

मैथ्यू आर्नोल्ड के अनुसार, "पत्रकारिता शीघ्रता में लिखा जाने वाला साहित्य है।"

हर्बर्ट ब्रूकर के अनुसार, " यह वह माध्यम है, जिसके द्वारा हम अपने मस्तिष्क में उस दुनिया के बारे में समस्त सूचनाएं संकलित करते हैं, जिन्हें हम स्वत कभी नहीं जान सकते।"

अतः यह स्पष्ट है कि समाचारों- विचारों की पत्रकारिक प्रस्तुति ही पत्रकारिक है। इसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। NEWS अथार्त North, East, West, South यानि चारों दिशाओं की घटनाएं।

Form Of Journalism (पत्रकारिक के रूप)

मुद्रित रूप (Printed Form)- 

इसमें दैनिक समाचार पत्र, साप्ताहिक, पाक्षिक पत्र, मासिक त्रेमासिक पत्रिकाएं, स्मारिका आदि आती है।

श्रव्य रूप (Audio Form)-

इसमें आकाशवाणी जैसे श्रव्य माध्यम आते हैं।

श्रव्य दृश्य रूप (Audio Visual Form)-

इसमें दूरदर्शन, फ़िल्म आदि आते हैं।

मुद्रण विकास यात्रा

Patrkarita ka vikas in india
Patrkarita ka vikas in india


आजकल के समाचार पत्रों का प्रारंभिक रूप नीदरलैंड के न्यूजाइटुंग (1526 ई०) में मिलता है। 1615 ई० में जर्मनी से फ्रैंकफर्ट जर्नल, 1632 ई० में फ्रांस से गजट द फ्रांस, 1667 ई० में बेल्जियम से गजट वैन गट, 1666 ई० में इंग्लैंड से लन्दन गजट और 1690 ई० में सयुंक्त राष्ट्र अमेरिका से पब्लिक ऑकरेसेज का प्रकाशन हुआ।
इंग्लैंड में प्रथम दैनिक (अंग्रेजी) 'डेली करंट' 11मार्च 1702 ई० को निकला।
1709 ई० में 'टेटलर'
1711 ई० में 'स्पेक्टेटर'
1726 ई० में 'लंदन डेली एडवाइजर'
1 जनवरी, 1785 ई० को 'लंदन डेली यूनिवर्सल रजिस्टर'
1769 ई० को  'मॉर्निंग क्रोनिकल'
1772 ई० को 'मोर्निंग पोस्ट'
1846 ई० को 'डेली न्यूज़'
1855 ई० को 'डेली टेलीग्राफ'
1875 ई० को 'डेली स्टैंडर्ड'

भारत में समाचार पत्रों की शुरुआत

भारत मे पत्रकारिक की शुरुआत जेम्स आगस्टस हिक्की ने 29 जनवरी, 1780 को कलकत्ता से 'बंगाल गजट' निकाल कर की। अंग्रेज अधिकारी किसी भी प्रकार की जन जागृति के खिलाफ थे। अतः दो साल बाद ही इसकी संपति जब्त कर ली गई।

bharat me newspaper ki shuruaat
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दूसरा अखबार 'इंडिया गजट' 1780 ई० में निकला, यह कंपनी के व्यावसायिक क्रियाकलापों के समाचार मुख्यतः छापता था। आधी शताब्दी तक यह अखबार चलता रहा। 1784 ई० में कैलकता गजट तथा 1785 ई० में बंगाल जर्नल निकले।
मद्रास से पहला साप्ताहिक अखबार मद्रास कोरियर 1765 ई० में निकला।
बम्बई से 'बम्बई हेराल्ड' 1789 ई० में निकला।


पत्र पत्रिकाओं पर प्रतिबंध

ब्रिटिश शासकों को प्रेस की ताकत का पहले से ही पता था, इसलिए उन्होंने भारत में प्रेस की आवाज को दबाने के उद्देश्य को ध्यान में रख कर 13 मई, 1799 ई० को प्रेस एक्ट लागू करके अखबार के सम्पादक, संचालक के नाम सरकार को लिखित रूप में देने, हर अंक पर मुद्रक, संपादक का नाम छापने, सामग्री की जांच सरकारी अधिकारी से कराने तथा रविवार को अखबार नही निकालने के नियम जारी किए। इन नियमों को तोड़ने पर देश  निकाला तक की सजा दी जा सकती थी। साथ ही कुछ विषयों पर जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी के देशी राज्यों से संबध, सेना, युद्ध सामग्री, जहाज, सरकारी आमदनी और व्यक्तिगत मामले आदि पर प्रतिबंध लगा दिया।

राजा राम मोहन राय ने 1821 ई० में बंगला भाषा में 'संवाद कौमुदी' निकाला था।
ससप्ताहिक 'समाचार दर्पण' 23 मई, 1818 ई० में निकाला गया। राजा राममोहन राय ने अंग्रेजी भाषा में  'ब्रह्योनिकल मैगज़ीन' और 1882 ई० में फ़ारसी भाषा में 'मिरात-उल-अखबार' भी निकाले।
राय के प्रगतिशील विचारों का मुकाबला करने के लिए  'चन्द्रिका समाचार' (बंगला) निकाला। फ़ारसी  में 'शम्स-उल-अखबार' तथा 'जामे जहाँनुमा' और वर्ष 1922 में बम्बई से 'बम्बई समाचार' (गुजराती) प्रकाशित हुए।

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